पॉलिटेक्निक इंजीनियरिंग- बेहतर भविष्य का विकल्प
पॉलिटेक्निक (डिप्लोमा इन इंजीनियरिंग या डिप्लोमा इन टेक्निकल एजुकेशन) एक प्रोग्राम है जो व्यावहारिक और कौशल उन्मुख प्रशिक्षण पर केंद्रित है। यह एक तकनीकी पाठ्यक्रम है जो 10वीं और 12वीं कक्षा पास करने के बाद होता है, यदि आप पॉलिटेक्निक 10वीं कक्षा के बाद करना चाहते है, तो ये तीन वर्ष का होता है और यदि आप इसे 12वीं कक्षा के बाद करना चाहते है, तो यह दो वर्ष का होता है।
पॉलिटेक्निक करने के बाद आपके लिए अवसरों की कमी नहीं है। बाजार में कई मल्टीनेशनल कंपनियाँ आपको बेहतरीन पद-पैकेज के साथ नौकरियाँ देती हैं। शुरुआत में किसी छात्र को दस हजार रुपए प्रारंभिक वेतनमान मिलता है। खास बात यह है कि पॉलिटेक्निक करने के बाद आपको कंपनियों में तो आसानी से नौकरी मिल ही जाती है, आपके पास स्वरोजगार के भी कई अवसर मौजूद होते हैं
मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा– शैक्षणिक कार्यक्रम 3 साल है। यह कोर्स मैकेनिकल इंजीनियरिंग से संबंधित है। पाठ्यक्रम में विषय शामिल हैं जैसे – मशीन का काम, मशीन का सिद्धांत, थर्मोडायनामिक्स, भौतिकी, इंजीनियरिंग ग्राफिक्स आदि। जितने भी यांत्रिक उत्पाद जैसे मशीन, वाहन, घरेलू यंत्र आदि उनके मैटीनेन्स के लिए मैकेनिकल इंजीनियर मेंटीनेन्स की आवश्यकता होती है कम्पनी कुशल डिप्लोमा इंजीनियर्स को इस प्रकार की सेवाओं के लिये आकर्षक वेतनमान प्रदान करती है।आप पॉलिटेक्निक किसी भी ट्रेड से कर सकते है, जैसे
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा- यह शैक्षणिक कार्यक्रम 3 वर्ष है। यह मुख्य रूप से पहलुओं से संबंधित है जैसे – बिजली, बिजली के सर्किट, ट्रांसफॉर्मर आदि का उत्पादन और ट्रांसमिशन। सीएस, ईसी, लार्ज स्केल इंटीग्रेटेड सर्किट आदि जैसे क्षेत्रों में इलेक्ट्रिकल इंजीनियर मास्टर डिग्री हासिल कर सकते हैं। कम्पनी या सरकारी संस्थानों अथवा घरों में प्रयुक्त होने वाले इलैक्ट्रीकल यंत्र आदि उनके निर्माण और मैटीनेन्स के लिए इलेक्ट्रिकल इंजीनियर की आवश्यकता होती है।
सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा– यह शैक्षणिक कार्यक्रम 3 वर्ष है। यह मुख्य रूप से पहलुओं से संबंधित है जैसे – योजना, निर्माण और इमारतों और अन्य भौतिक संरचनाओं (पुलों, सड़कों, नहरों, बांधों आदि) का रखरखाव। पिछले दशकों की तुलना में आज रियलस्टेट और सडक निर्माण, पुल निर्माण का कार्य तेजी से फैल रहा है। देश की बढती हुई आबादी के आधार पर निर्माण कार्यो की आवश्यकता हमेशा बनी रहेगी।
ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा– भारतीयों की क्रय शक्ति और गाडि़यों की सेल्स बढ़ने से ऑटोमोबाइल सेक्टर तेजी से उभरती हुई इंडस्ट्री बन गया है। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर ऑटो सेक्टर सबसे ज्यादा लोगों को रोजगार देता है। भारत में यह उद्योग बहुत तेजी से विकास कर रहा है। इसका परिणाम यह है कि इस क्षेत्र में करियर की संभावनाएं काफी बढ़ गई हैं | इस क्षेत्र में सेफटी इंजिनियर, परफोरमेंस इंजीनियर, वेहिकल डायनेमिक्स कंट्रोलर आदि पदो पर आकर्षक वेतन प्राप्त होता है जिनका कार्य वाहनों के डिजाइन, निर्माण, परीक्षण, मरम्मत एवं सर्विस आदि होता है।
पॉलिटेक्निक डिप्लोमा कोर्स करने के बाद उम्मीदवार आसानी से गवर्नमेंट और प्राइवेट फील्ड में जॉब के लिए अप्लाई कर सकते है। गवर्नमेंट सेक्टर में ऐसे कई डिपार्टमेंट है, जिनमे पॉलिटेक्निक डिप्लोमा कोर्स को प्राथमिकता दी जाती है। जैसे- रेलवे विभाग में ऐसे कई सारी रिक्तियां (वैकेंसी) निकलती रहती है, जिनके लिए पॉलिटेक्निक डिप्लोमा कोर्स होना बहुत जरुरी होता है, बिना पॉलिटेक्निक डिप्लोमा के आप इन रिक्तियों के लिए आवेदन नहीं कर सकते। सरकारी क्षेत्र में उपलब्ध अवसर हैं: भारतीय रेल, भेल, भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण, पावर ग्रिड, बिजली विभाग
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महत्वपूर्ण जानकारी
महत्वपूर्ण जानकारी
आज के समय में पॉलिटेक्निक पाठ्यक्रम उत्तर प्रदेष सहित अन्य राज्यों की अनेक संस्थानों द्वारा भी संचालित है उत्तर प्रदेष राज्य मे यह पाठ्यक्रम बोर्ड ऑफ टेक्निकल एजुकेशन लखनऊ एवं आई.सी.टी.ई. दिल्ली से मान्यता प्राप्त कर ही संचालित होता है। पॉलिटेक्निक पाठ्यक्रम में प्रवेष लेने से पूर्व छात्र/छात्राओं को यह सुनिष्चित कर लेना आवष्यक है कि क्या वह काॅलिज व संस्थान बोर्ड ऑफ टेक्निकल एजुकेशन लखनऊ एवं आई.सी.टी.ई. दिल्ली से मान्यता प्राप्त है। यदि प्रवेश देने वाला संस्थान उपरोक्त लिखित सरकारी विभागों से मान्यता प्राप्त है उन संस्थानें से उत्तीर्ण डिप्लोमा धारक छात्र/छात्राऐं देष विदेष के किसी भी क्षेत्र में नौकरी पाने के पात्र होगें।
इंजीनियरिंग की किसी भी षाखा में डिप्लोमा करने के लिए छात्र को विज्ञान वर्ग से कक्षा 10 पास होना चाहिये।
सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश के सभी क्षेत्रों मे पॉलिटेक्निक प्रवेश परीक्षा हर वर्ष अप्रैल-मई मे आयोजित की जाती है। जिसे उत्तीर्ण करके विद्यार्थी सरकारी और निजी संस्थानों में प्रवेश पा सकते है। प्रवेश परीक्षा में सम्मिलित न होने वाले छात्र/छात्राऐं भी निजी संस्थानों मे सीधे प्रवेश पा सकते है। इसके लिए संस्थानों में सामान्यतः मई माह में प्रवेश की प्रक्रिया सुरु हो जाती है।
आई.टी.आई पास छत्रों को निजी संस्थानों मे पॉलिटेक्निक के 2nd Year में सीधे प्रवेश की सुविधा उपलब्ध है। अर्थात किसी भी संस्थान से आई.टी.आई. उत्तीर्ण छात्र/छात्राऐं पॉलिटेक्निक के 2nd Year में प्रवेष पा सकते है।
संस्थान का चयन करने से पहले, पॉलिटेक्निक कॉलेज की सही जानकारी के लिए तकनीकी शिक्षा लखनऊ की वेबसाइट पर कॉलेज का नाम देखें।